'नदी एक नौजवान ढीठ लड़की है...' केदारनाथ अग्रवाल ने ऐसा लिखा है. शायद केन नदी के बारे में. यदि वे केन के बारे में ऐसा नहीं लिखते, तो मैं सेन के बारे में यह कहता.
सेन नदी के तट पर घूमते हुए मेरे मन में लगातार यह पंक्ति गूँजती रही. पेरिस में कहीं भी चले जाएँ आप घूम-फिर कर उसी के पास आने का जी चाहता है. सेन ढीठ है. वह आपका रास्ता नहीं छोड़ती...
वह आपसे लिपटना चाहती है. लिपटती है. वह आपको चूमना चाहती है. चूमती है. आप उसके कोमल और नरम हाथों की गरमाहट महसूस करते हैं.
कल कल करती हुई वह बात-बेबात हँसती रहती है...और जब आप उससे नाराज़ होने का अभिनय करते हैं, वह और हँसती चली जाती है....एक और चुंबन. उसकी साँसों की ऊष्णता आपमें गुदगुदी भरती है...
उसकी आँखों की कोर में जाड़े की सुबह का उजास और गर्मी की शाम की सुरमई चमक एक साथ डोलती है.
आप उसे फिर-फिर छूना चाहते हैं...और बलखाती, इठलाती-इतराती वो गई. प्रेम में पगी लड़की की तरह उसका अनायास जाना भी सायास है.
सेन के दोनों छोरों पर पर्यटकों से बेखबर, प्रेमी जोड़े एक नई दुनिया बुनने में लगे हुए हैं. उनकी आँखों में वासंती हवा का रोमांच है.
सेन चिरयौवना है. उसकी वजह से पेरिस की फिजा में रोमांस है. आप कवि हों, ना हों, सेन आपमें जीवन के प्रति राग पैदा करती है.
सेन के भूरे पानी में नात्रेदाम की मीनारें स्वप्न चित्र की तरह झिलमिलाती हुई धीरे-धीरे बिखर रही है. वासंती शाम पर रात का झीना चादर फैलने लगा है. रंगीन रोशनियों में नहाया एफिल टावर का बुर्ज बाएँ तट पर खड़ा है. उसकी परछाँई से सेन अमलतास के फूलों की तरह खिल उठी है.
पर्यटकों के झुंड नौकाओं की ओर सैर के लिए बढ़ रहे है. इस रात को मैं अपनी आँखों में भर ले रहा हूँ. यह रात डेन्यूब और राइन नदी के तट पर टहलते हुए बिताए रात से बिलकुल अलहदा है.
हमारे बचपन में समुद्र नहीं था लेकिन हम सौभाग्यशाली थे. हमें कमला और बलान दो नदियों का स्नेह एक साथ मिला.
सेन नदी के तट पर बैठे हुए मुझे दिल्ली की याद आने लगी. जेएनयू के सारे हॉस्टलों के नाम नदियों के नाम पर हैं... यमुना, कावेरी, ब्रह्मपुत्र...जेएनयू के अंदर जो एक ज़िद है, एक ढीठपन है, गर्वीली ग़रीबी है, कहीं इस वजह से तो नहीं.
कहते हैं दिल्ली भी यमुना के तट पर बसी है और कभी यमुना अपनी उद्दाम संगीत से दिल्ली को आलोड़ित करती थी.
वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान देश-विदेश के लाखों सैलानी दिल्ली आएँगे. यमुना के तट पर बसी दिल्ली शहर को वे ढूँढ़ेगे. वे यमुना ढूँढ़ेगे...