सिनेमा जगत में ऑस्कर वाली शाम को लेकर एक बार फिर से हलचल है. रविवार (भारत में सोमवार की सुबह) को लॉस एंजेलिस में 95वें ऑस्कर पुरस्कारों की घोषणा होगी.
कयास लगाए जा रहे हैं कि विज्ञान आधारित फंतासी को लेकर मानवीय रिश्तों के इर्द-गिर्द बनी ‘एबसर्ड कॉमेडी ड्रामा’ ‘एवरीथिंग एवरीव्हेर आल एट वंस’ को बेस्ट फिल्म का पुरस्कार मिलेगा या ‘ट्रेजिक कॉमेडी’ द ‘बंशीज ऑफ इनिशरिन’ को? ‘द बंशीज ऑफ इनिशरिन’ में जिस तरह से कहानी बुनी गई है वह देखने वालों को आकर्षित करती है. इस फिल्म में रचनात्मकता को लेकर जो आत्महंता आस्था दिखाई देती है, अचंभित भी करता है. इस फिल्म में कलाकारों के अभिनय की उत्कृष्टता विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिन्हें विभिन्न वर्गों में नामांकन मिला है. इस फिल्म के निर्देशक मार्टिन मेकडनाह को भी ‘बेस्ट डाइरेक्टर’ के लिए नामित किया गया है. वहीं ‘एवरीथिंग एवरीव्हेर आल एट वंस’ को सबसे ज्यादा विभिन्न श्रेणियों में नामित किया गया है. इस फिल्म के निर्देशक डैनियल क्वान और डैनियल शाइनर्ट के साथ फिल्म की अभिनेत्री मिशेल योह की चर्चा है. योह को ‘बेस्ट एक्ट्रेस’ के लिए नॉमिनेशन मिला है. उल्लेखनीय है कि मलेशिया मूल की चर्चित अभिनेत्री योह पहली एशियाई अभिनेत्री है जिसे ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया है.
ऑस्कर पुरस्कारों पर बहुलता की अनदेखी करने और नस्लवाद का आरोप दशकों से लगता रहा है. पिछले वर्षों में सदस्यों में स्त्रियों और अल्पसंख्यकों की भागेदारी बढ़ी है फिर भी इनमें अधिकांश श्वेत पुरुष ही है. क्या योह इतिहास रचने में कामयाब होगी? प्रसंगवश, उन्हें इस साल बेस्ट एक्ट्रेस के लिए ‘गोल्डन ग्लोब’ पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
साल भर से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में बनी युद्ध विरोधी फिल्म ‘ऑल क्वाइट ऑन द वेस्टर्न फ्रंट’ की भी दावेदारी है. सवाल है कि क्या हम प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध से कोई सबक सीख पाए हैं? यह फिल्म 'बेस्ट पिक्चर' और 'बेस्ट इंटरनेशनल फीचर' दोनों ही श्रेणी में नॉमिनेटेड है. दिग्गज निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग की आत्मकथात्मक फिल्म ‘द फेबलमैन्स’ की भी चर्चा है.
भारत में लोगों की दिलचस्पी के केंद्र में एसएस राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ का गाना ‘नाटू-नाटू’ है जिसे ‘म्यूजिक (ओरिजनल सांग)’ की श्रेणी में नामित किया गया है. इसे बेस्ट पिक्चर के अंतिम दस में नामांकन नहीं मिल पाया था, हालांकि देश-विदेश में इसे काफी सराहना मिली है.
फीचर फिल्मों से अलग भारत की दो डॉक्यूमेंट्री फिल्में ‘ऑल दैट ब्रीद्स’ और ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स' भी अंतिम पाँच में शामिल है. उम्मीद है कि डॉक्यूमेंट्री की श्रेणी में भारत को इस बार ऑस्कर मिलेगा. आश्चर्य है कि शौनक सेन निर्देशित डॉक्यूमेंट्री ‘ऑल दैट ब्रीद्स’ को भारत में अभी तक रिलीज नहीं किया गया है, लेकिन दुनिया भर के फिल्म समारोहों में इसने खूब सुर्खियां बटोरी है. पिछले साल इस डॉक्यूमेंट्री को कान में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री के लिए ‘गोल्डेन आई’ पुरस्कार और सनडांस फिल्म समारोह में विश्व सिनेमा वृत्तचित्र श्रेणी में ग्रांड ज्यूरी पुरस्कार मिल चुका है. इस फिल्म में जिस तरह से बिंब और ध्वनि का इस्तेमाल किया गया है वहाँ फीचर और डॉक्यूमेंट्री को लेकर श्रेणीगत विभाजन मिट जाता है.
‘ऑल दैट ब्रीद्स’ एक साथ कई विषयों को खुद में समेटे है. दिल्ली में प्रदूषण की समस्या इसके केंद्र में है, वहीं वजीराबाद में रहने वाले दो मुस्लिम भाई (सऊद और नदीम) और उसके सहयोगी (सलीक) के सहारे यह वृत्तचित्र आगे बढ़ती है. पिछले बीस साल से आसमान से गिरते चीलों और अन्य घायल पक्षियों की देखभाल वे करते रहे हैं. पृष्ठभूमि में नागरिकता कानून (सीएए) और दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की अनुगूंज भी सुनाई पड़ती है. यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म जितना मानवीय संबंधों को चित्रित करती है उतना ही पर्यावरण के साथ हमारे रिश्ते को भी. धर्म के नाम पर विभेद की राजनीति भी बहसतलब है. दिल्ली की ‘प्रदूषित हवा’ में न सिर्फ चील बल्कि इंसान भी घुट रहे हैं. यह सब मानव निर्मित है.
कुल एक घंटे छत्तीस मिनट की इस वृत्तचित्र में इंसान और आस-पास के जीव-जंतुओं के बीच जो एक ‘बिरादरी’ का भाव है वह देखने वालों के मन को छू जाता है. आत्म और अन्य का विभेद यहाँ मिट जाता है. फिल्म के शुरुआत में ही चूहे, चील, मेंढक, कुत्ते, बिल्ली, सूअर दिखाई देते हैं. चील की निरीह आँखे हमसे संवाद करती हुई प्रतीत होती है.
इसी तरह कार्तिकी गोंसाल्वेस की ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के केंद्र में एक हाथी (रघु) है. इसके इर्द-गिर्द हाथियों की देखभाल करने वाले बोम्मन और बेली के बीच पनपते हुए रिश्ते को हम देखते हैं. असल में बेहद संवेदनशीलता के साथ चालीस मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में इंसान और जानवर के बीच लगाव को दिखाया गया है. साथ ही नीलगिरी का मनमोहक सौंदर्य भी यहाँ लिपटा हुआ चला आता है.
(नेटवर्क 18 हिंदी के लिए)
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