Saturday, November 10, 2007

इस बार जेएनयू का रंग कैसा


जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इस बार भी मार्क्स, लेनिन, भगत सिंह के नारे लगे. लेकिन...इस बार जेएनयू का रंग कैसा- आइसा, आइसा का नारा बुलंदी पर रहा.
जेएनयू छात्रसंघ में पहली बार आइसा चारों पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव) पर विजयी रही. पहली बार जेएनयू के इतिहास में एसएफआई -एआईएसएफ का सफ़ाया हुआ. ज़ाहिर है नंदीग्राम, सिंगुर का मुद्दा चुनाव में हावी रहा. आरक्षण के मुद्दे ने भी अपना रंग दिखाया, दो पदों पर 'यूथ फॉर इक्वलिटी' के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे.
पारंपरिक 'प्रेसिडेंसिल डिबेट' की रात 'राम के नाम' पर घमासान हुआ.पहली बार डिबेट पूरी नहीं हो पाई. जबकि ऐसा लग रहा था कि चुनाव स्थगित हो सकता है जेएनयू की जनता ने भारी मतों से चुनाव को सफल बनाया. लोकतंत्र फिर जीता.

2 comments:

Mukesh Kejariwal said...

खास कर नारे लगाते लोगों की तस्वीर बहुत प्रभावशाली है। ऐसे ब्योरे और देते रहें।
- प्रशंसक

Mukesh Kejariwal said...

खास कर नारे लगाते लोगों की तस्वीर बहुत प्रभावशाली है। ऐसे ब्योरे और देते रहें।
- एक प्रशंसक